हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़: 100 से अधिक की मौत नारायण साकार हरि भागे प्रशासन ने शुरू की जांच

हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़

हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़: 100 से अधिक की मौत

परिचय:

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में मंगलवार को एक सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें लगभग 100 या उससे अधिक लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।

नारायण साकार हरि: सत्संग के पीछे का व्यक्ति

  • नारायण साकार हरि, जिसे बाबा भोले के नाम से भी जाना जाता है, वह एक लोकप्रिय धार्मिक व्यक्ति हैं।
  • वे मूल रूप से एटा जिले के बहादुरनगरी गांव के रहने वाले हैं।
  • गुप्तचर विभाग में सरकारी नौकरी छोड़ने से पहले उन्होंने पुलिस में काम किया।
  • 1990 के दशक में, उन्होंने अध्यात्म में रुचि विकसित की और अपना नाम बदलकर नारायण साकार हरि रख लिया।

सत्संग और भीड़ का प्रबंधन

  • साकार हरि नियमित रूप से “मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम” नामक सत्संग आयोजित करते हैं।
  • ये सत्संग आमतौर पर भव्य होते हैं और बड़ी संख्या में अनुयायियों को आकर्षित करते हैं।
  • हालांकि, हाथरस में सत्संग स्थल भीड़ के प्रबंधन के लिए अपर्याप्त था।

भगदड़ और उसके कारण

  • सत्संग के समापन के बाद, जैसे ही लोग निकल रहे थे, भीड़ अनियंत्रित हो गई।
  • गर्मी, उमस और भीड़भाड़ से लोगों में घबराहट फैल गई।
  • यह गेटों और बैरिकेड्स पर भगदड़ का कारण बना, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग कुचले गए।

मरने वालों की पहचान

  • अधिकांश मौतें महिलाओं और बच्चों की हुईं, जो सत्संग में बड़ी संख्या में मौजूद थे।
  • मरने वालों की पहचान की प्रक्रिया जारी है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

  • घटना के बाद, अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर पीड़ितों को चिकित्सा सहायता प्रदान की।
  • कई घायलों को आस-पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
  • प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है।

साकार हरि की प्रतिक्रिया

  • भगदड़ के बाद नारायण साकार हरि फरार हैं।
  • उन्होंने अभी तक सार्वजनिक रूप से इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

निष्कर्ष

हाथरस में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ एक दुखद घटना है जिसने कई परिवारों को तबाह कर दिया है। यह इस बात पर प्रकाश डालता है कि बड़े धार्मिक समारोहों का उचित प्रबंधन कितना महत्वपूर्ण है ताकि इस तरह की त्रासदियों को टाला जा सके।

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